उत्तरकाशी के एक ऐसे रचनाकार जो आज के नव युवाओं के लिए अपने आप में ही प्रेरणा स्रोत है l गंगा बहुगुणा उत्तरकाशी जिले के धनेटी गाँव के निवासी हैं l इन्होंने जीवन में कम उम्र में ही साहित्य में अपना एक अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया है l उनकी शिक्षा की बात करें तो इन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा हिंदी साहित्य से पूर्ण की है l गंगा बहुगुणा जी ने अपनी साहित्य की यात्रा 2017 से आरंभ की है, एवं मात्र 6 के वर्षों के समय अंतराल में उन्होंने साहित्य का बेहद गहन अध्ययन किया है l एवं अपने साहित्य की यात्रा को जारी रखते आ रहे हैं l
प्रथम पुस्तक उनकी प्रथम पुस्तक की बात करें तो इनकी प्रथम पुस्तक के सत्य दर्पण नाम से प्रकाशित हुई है l जो की 35 कविताओं का बेहद ही अनोखा काव्य संग्रह है l
पुस्तक के उन्नीस कहानियों का यथार्थ प्रतिबिम्ब संघर्ष, प्रेरणा, रहस्य, उत्साह उमंग से भरी 19 कहानियों का बेहद ही रोचक संग्रह है l
पुस्तक में उन्होंने बेहद ही खूबसूरत तरीके से अपने स्वयं के अनुभवों के आधार पर अपनी सारी कहानियों को रचा है,कहानी के हर एक पात्र में गहरी समझ अनुभव ज्ञान सफलता संघर्ष का बेहद जटिल संयोजन मिलता है l
जो समाज एवं समाज के सभी वर्गों को एक नई प्रेरणा देती है l वे कहते हैं कि वे एक लेखक से पहले एक पाठक हैं , एक वक्त से पहले एक श्रोता हैं, और उन्हें इस बात का पूर्ण रूप से ज्ञान है कि आजकल की युवा पाठक किस प्रकार की रचनाओं में रुचि रखते हैं l अपने जीवन के इसी अनुभव एवं ज्ञान के साथ ही उन्होंने पुस्तक उन्नीस कहानियों का यथार्थ प्रतिबिम्ब प्रकाशित किया है l
पाठकों की पसंद: “उन्नीस कहानियों का यथार्थ प्रतिबिम्ब” पर समीक्षाएँ और अनुभव
समाज के हर एक वर्ग की पीड़ा और उनका प्रतिनिधित्व करती है इनकी कहानियां। बहुत ही उपयोगी क़िताब जो जन मुद्दों और समस्याओं को उजागर करती है। क़िताब पढ़ने के दौरान मुझे लगा कि ये मेरे लिए ओर मेरे से संबंधित है। जनसरोकार से भरी हुई क़िताब। जरूर पढ़े और आनन्द लीजिए। लेखक के उज्जवल भविष्य और स्वस्थ जीवन की कामना कि इस प्रकार की रचनाएं प्रकाशित होती रहें।
Raghuveer Nautiyal General Manager, Big Muscles Nutrition.
गंगा बहुगुणा की यह दूसरी पुस्तक है। पहली पुस्तक उनकी काव्यकृति थी। इस दूसरी पुस्तक में उन्होंने 19 कहानियों का समावेश किया है। कहानी उत्तराखंड में विचलन करती हुई दिखती है। कभी यहां के जीवजंतु तो कभी उत्तराखंड के अन्य प्राकृतिक संसाधन और लोग गंगा बहुगुणा की कहानियों के पात्र है। हालांकि यह कहानी संग्रह मात्र 19 कहानियों को समेटे है पर कहानी के पत्र बात कर रहे होते है, चिंतन और जिजीविषा के साथ साथ नवावाद की स्वीकृति देती हुई यह कहानियां आजकल के और कुछ खास लोगो की पठनीय हो चुकी है। भविष्य में गंगा की और सारगर्भित कहानियां पाठको को पढ़ने के लिए मिले जो सरसता को ओर आगे बढ़ रही होगी ऐसी मेरी अपेक्षा है।
प्रेम पंचोली वरिष्ठ पत्रकार
Ganga ji is a talented poet and writer and also a good human being. Reading his book gives a different kind of pleasure. Best wishes to him for his future journey.
S.V. Labhsetwar CA
Yavatmal Maharashtra
गंगा बहुगुणा के द्वारा रचित पुस्तक ‘उन्नीस कहानियों का यथार्थ प्रतिविम्ब’ अति प्रेरणादायक एवम ज्ञानदायक रचना है।आपके द्वारा लिखित पुस्तक निश्चित ही प्रतिजन के मन मे नई प्रेरणा प्रदान करती है।आप से हम ऐसी ही कल्पना एवं उम्मीद करते हैं कि आप आगे भी ऐसी ही रचना हमारे समग्र प्रस्तुत करते रहेंगे जिसमें समाज की यथार्थता का मार्मिक वर्णन हो.
गगन सेमवाल
तीर्थ पुरोहित श्री गंगोत्री धाम
इस पुस्तक के पहले अध्याय “मैथी” को पढ़ने के बाद आप विवश हो जायेंगे की आगे की कहानियो को जल्दी पढ़े, यह पुस्तक लेखक के अद्भुद विचार और अद्भुद लेखन कौशल को दर्शाती है Neeraj Haldar Founder & Chairperson Qtricks Education लोगों को खूब पसंद आ रही है अरविंद चौहान द्वारा गायी गई लोक गाथा “जीतू बगड्वाल”